Aashish Patil runs his father's old traveling business. His parents files police complain of Aashish's missing.
On the other hand other cops finds a deadbody on Mundwa railwayy track. Body's condition was bad so they cremates it. Investigation reveals that it was Aashish's body.
After few days Aashish's cellphone gets activated and police traces the culprits through IMEI number.
आशीष पाटिल अपने पिता का ट्रेवलिंग का बिज़नेस सँभालता है मगर एक दिन वो अचानक ग़ायब हो जाता है। उसके माता-पिता उसकी मिसिंग कम्प्लिएंट पुलिस में फाइल करते हैं और
पुलिस अपनी जाँच शुरू कर देती है। दूसरी तरफ़ पुलिस टीम को मुंडवा रेलवे स्टेशन पर एक जवान लड़के की लाश मिलती है मगर लाश की पहचान ना हो पाने की वजह से पुलिस ही उसका अंतिम संस्कार करवा देती है मगर बाद में ये कन्फर्म हो जाता है कि ये लाश आशीष पाटिल की ही थी।
आशीष का ब्लैकबेरी मोबाइल फ़ोन उसकी लैश के पास नहीं मिला था इसलिए पुलिस उस मोबाइल को IMEI नंबर के आधार पर सर्विलिएंस पर लगा देती है और फिर पुलिस को ये मोबाइल एक लड़की के पास ऐक्टिव मिलता है।
Online Episode on Sonyliv::
www.sonyliv.com...crime-patrol-dastak-dhamki-ka-darr
Online episode on YouTube:
www.youtube.com/watch?v=8dCN-QN8ZrY
Online episode on YouTube (Bangla):
www.youtube.com/watch?v=F92DZ_QTYDg
Here is the inside story of the case:
www.crimestories.co.in/2011/12/crime-patrol-episode-67-16th-december.html
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