Police starts investigation and tracks down the kidnapper with in 12 hours of kidnapping. Before trapping culprits, Narendra gets a call from Piyush through a unknown number. Piyush tell him that he is in a car parking and talking through parking guy’s mobile phone.
Police is sure that the kidnapping was done by a very close of Narendra and family who knows some crucial informations about them.
ये केस इस बात कि जागरूकता व्यक्त करता है कि क्या हम लोगो को अपनी आर्थिक स्थिति कि बातें हमें जानने वालों के साथ साझा करनी चाहिए या नहीं? और ख़ास कर कि औरतों को जिनके अंदर जलन कि भावना कुछ ज़यादा ही होती है!
नरेंद्र एक व्यपारी है. साहिल और पीयूष उसके दो बेटे हैं. साहिल कि माँ साहिल को बोलती है कि वो उसका मोबाइल रिचार्ज करवा दे. चूँकि साहिल टीवी देखने में मगन है, वो ये काम पीयूष पर डाल देता है. आधे घंटे तक पीयूष लौटता नहीं है तो उसकी माँ चिंतित हो जाती है और साहिल को पीयूष को खोजने के लिए भेजती है. साहिल उसे कई जगह ढूँढता है मगर वो नहीं मिलता है. घबरा कर वो नरेंद्र को फ़ोन करती है.
दो घंटे बाद एक फ़ोन आता है जिससे ये व्यक्त होता है कि पीयूष का अपहरण हुआ है. अपहरणकर्ता डेढ़ करोड़ रुपये कि मांग करता है जब कि नरेंद्र के पास इतना रूपया है ही नहीं।
नरेंद्र ऍफ़ं.आई.आर.दर्ज करता है. पुलिस अपना काम शुरू करती है और बारह घंटे के अंदर अपहरणकर्ता पकड़े जाते हैं,
कौन थे ये अपहरणकर्ता?
इन्होने एक साधारण से व्यपारी से डेढ़ करोड़ जैसी बड़ी रकम क्यों मांगी?
क्या उन्हें पता था कि नरेंद्र के पास इतना रुपया है?
YouTube: http://www.youtube.com/watch?v=xMnKFPS4qrs
SonyLiv: http://www.sonyliv.com/watch/thriller-ep-332-january-18-2014
Here is the inside story of the case:
www.crimestories.co.in/2014/01/crime-patrol-boy-11-abducted-for-rs-15.html
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