स्पर्श
The Human Touch
Ashok Rao is a property consultant in Bangalore. A morning after
finishing his Yoga session, he finds a boy of near 16-17 age near a junkyard.
That boy is in pathetic condition and wants some help. His friend Mahesh forbade
him to avoid it but That boy is looking hungry and Ashok wants to help him.
Ashok brings him to a shop and arranges some food for him. Shopkeeper is also
looking at them surprisingly and he tell Ashok that he should avoid such kind of
people because they might hurt him. Ashok is saying the boy is looking in
trouble. His clothing sense and his activities saying that he needs help.
In the meantime Ashok's son puts his photo on Social Networking site Facebook and Cellphone messenger WhatsApp. Bharat's photo starts expanding over the internet and one of classmate of Bharat identifies his photo.
अशोक राव बैंगलोर में एक प्रॉपर्टी कंसलटेंट हैं। एक सुबह अपना योग का सेशन ख़त्म करने के बाद वो अपने दोस्त महेश के साथ लौटते समय एक 15-16 साल के बच्चे को एक कूड़ेदान के पास पाते हैं। उन्हें लगता है की इस बच्चे को मदद की ज़रुरत है मगर उसका दोस्त महेश उनसे बोलता है की ये एक आम लड़का, सफाई वाला या कोई और होगा और ऐसे लोगों से दूर ही रहना चाहिए। अशोक को बात सही नहीं लगती। उन्हें लगता है की ये बच्चा भूखा है सो इसको खाना खिलाना चाहिए। वो महेश के साथ उस बच्चे को एक दूकान पर ले जाकर खाना खिलाते हैं। दूकान वाले को भी अजीब लगता है और वो कहता है की ऐसे लोगों को बिना जाने बूझे मदद नहीं करनी चाहिए, क्या पता वो हमारा ही नुक्सान कर दे। अशोक का कहना है की ये बच्चा मुसीबत में है। उसको देख कर या उसके कपड़ों को देख कर नहीं लगता की वो कोई नाटक कर रहा है।
बच्चा अपना नाम भरत बताता है और उसके हाथ में चोट भी लगी है। अशोक उसको अस्पताल ले जाते हैं तो अस्पताल वाले उसको एडमिट करने से मना कर देते हैं क्यों की उस बच्चे की कोई भी पहचान नहीं है। आखिरकार वो उसको अपने जान पहचान के एक डॉक्टर के पास एडमिट करवाते हैं। वो बच्चा पाना पूरा नाम भारत शेरपा बताता है और अपने किसी स्कूटर के बारे में बार बार पूछता है। बच्चे की हालत अब ठीक है।
इसी बीच अशोक का बेटा उस बच्चे की तस्वीर अशोक के फ़ोन नंबर के साथ फेसबुक पर दाल देता है, साथ ही व्हाट्सएप्प पर भी शेयर करता है। भरत की फोटो और अशोक का नंबर इन्टरनेट पर प्रसारित होना शुरू हो जाती है और फिर सिक्किम में लड़के को उसकी फोटो दिखाई देती है जो की भरत को जानता है।
Based on a true incident of Bangalore. Story of a 17 year old Sanjay who came to Bangalore for a Psychiatric treatment and disappeared. Later he found by Nanda Kumar, a Buddhist by birth. He admitted him to Jaynagar General Hospital where he underwent medical treatment and health recovery. He uploaded photos of Anand to Facebook on 17th March who was seen by Anand's friends and relatives.
YouTube: http://www.youtube.com/watch?v=HsVwf0zpqRQ
SonyLiv: http://www.sonyliv.com/watch/thriller-ep-389-4th-july-2014
Below is the inside story of the case:
www.crimestories.co.in/2014/07/crime-patrol-facebook-reunited-lost.html
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