गिद्ध
An agent Harish Goyal of Rashtriya Lok Jan bank (Syndicate Bank in real) explains villagers a very good scheme where farmer can get easy loan for there farming needs like Tube-well, Cattle, Tractor etc. He also tells them that for this loan they needs to pledge their land and after certain time period when they will pay whole amount, they will get back papers of their land. Innocent farmers follows all the processes and submits all required documents to the bank through Harish Goyal. Under the process they gets their new bank accounts opened and they also get passbook for this. Their all papers get recheck by bank manager Sudhir Mittal but later farmers comes to know that their loan application has been rejected by the bank because everyone of the applications was having some issue.
2010
Four years after they applied for the loan farmers starts getting notices from
sam bank about recovery of their loan amount. They all are shocked to see that
they has to pay loan amount of three lac to four lac which was never approved.
Also at that time they applied for loan of rupees 60,000 and above, while
recovery agents are says they took loan more than three lac. They also has to
pay additional interest and if they does not pay the amount, their land will
be expropriate by bank.
All farmers are scared. They puts their complain to existing bank manager but he is asking for bribe to wave off the interest. During the whole disturbance, two of the farmers passes away...
2006,
उत्तरप्रदेश का कोषपुर गांव, जहाँ बैंक के कामकाज से जुड़ा एक गैर सरकारी आदमी हरीश गोयल गाँववालों को एक नई स्कीम के बारे में बताता है। ये स्कीम राष्ट्रीय लोक जन बैंक ने शुरू की है जिसके अंतर्गत कोई भी किसान अपने ज़मीन के पेपर के एवज में गाय, भैंस, ट्यूबवेल के लिए एक छोटा लोन ले सकता है। गाँव वालों को ये स्कीम बहुत पसंद आती है और काफी सारे किसान हरीश गोयल के कहे अनुसार बैंक में सारे कागज़ात जमा करते हैं। बैंक में अकाउंट खुलने पर उन सबको एक एक पासबुक भी मिलती है। किसानो के सारे पेपर्स बैंक मेनेजर सुधीर मित्तल द्वारा चेक किये जाते हैं जिसके बाद ये पता चलता है की हर पेपर में कोई न कोई खामी है जिसकी वजह से किसी भी किसान का लोन पास नहीं हो पाया है और बात आई गई हो जाती है.
2010
सभी किसान, जिन्होंने ने चार साल पहले इस लोन के लिए सारी औपचारिकतायें पूरी
की थी ये देख कर हैरान हो जाते हैं है की उसी बैंक से कुछ रिकवरी एजेंट आये हैं
जो की ये बोल रहे हैं की इन लोगों ने चार साल पहले एक लोन लिया था इस लोन की रकम
तीन लाख या उससे ज्यादा थी जिसमे ब्याज के बाद पचास-साथ हज़ार और जुड़ गए हैं। अगर
किसानो ने ये लोन की रकम अदा नहीं करी तो इनलोगों की ज़मीन को जब्त कर लिया
जायेगा।
सभी किसान ये जान कर हैरान हैं की जो लोन उन लोगों ने लिया ही नहीं उसकी वसूली कैसे हो सकती है। जब वो लोग लोन के लिए आवेदन कर रहे थे तब वो रकम पचास से साठ हज़ार के बीच थी तो अब ये तीन लाख और चार लाख कैसे हो गई है? सभी किसान डरे हुए हैं और इस डर के चलते ही एक के बाद एक दो किसानी की मृत्यु हो जाती है.
Online Episode on YouTube:
Part 1: www.youtube.com/watch?v=lH2HexUR5aA
Part 1: www.youtube.com/watch?v=skeCQ7-e-gQ
Online Episode on SonyLiv:
Part 1: www.sonyliv.com/watch/thriller-ep-416-september-13-2014
Part 2: www.sonyliv.com/watch/thriller-ep-417-september-14-2014
Here is the inside story of the case:
www.crimestories.co.in/2014/09/crime-patrol-fir-against-bank-manager.html
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