Buried Deep
दफ़न
Villagers are scared of seeing a hanging skeleton on a tree. They think this is
done by some haunting spirit. Police finds a id-card near that tree which shows
name of Jai Prakash Parmar, a security agency supervisor.
One other hand there is another family of Madhu, Sushil (played by Chandresh Singh) and their 2 kids living in the same area. Madhu is elder sister of Jaiprakash and Jaiprakash and Sushil are working in same security agency.
That day passes and in the evening when Avantika tries Jaiprakash's mobile number, she finds it switched off. She tries many times but does not get any response. She asks Sushil then Sushil tells her that Jaiprakash did not reach office today and office colleagues does not have any information about him.
Avantika, Sushil and Madhu raises a missing complaint at police station. Initial investigation reveals that last location of Jaiprakash's mobile was his home only. Later police finds Jaiprakash's mobile phone in his bathroom. Police considers it a case where Jaiprakash left his home on his own and he must have planned for this.
Six months passes and now after police finds a skeleton and an id-card they goes for DNA test on skeleton which matches with Jaiprakash's kids. It is now confirm that skeleton belongs to Jaiprakash. Police is confused because it was a perfect murder, then why murdered brought back skeleton from its grave?
Sonica Handa |
जयप्रकाश के सिक्योरिटी प्रोवाइडिंग कंपनी में सुपरवाइजर है. अवंतिका उसकी बीवी है जिससे उसकी शादी को 16 साल हो चुके हैं और इनदोनो के 2 बच्चे हैं। दूसरी तरफ सुशील उसकी बहन मधु का पति है। उसके भी दो दो बच्चे हैं और वो परिवार जयप्रकाश के परिवार से थोड़ी ही दूरी पर रहता है। एक सुबह जयप्रकाश घर से ऑफिस के लिए निकलता है। वो अवंतिका को ये बोल कर निकलता है की वो दो दिन बाद वापस आएगा।
घर से निकलते ही उसको सुमन मिलती है जो की जयप्रकाश की दोस्त है। दोनों कुछ दूर तक साथ जाते हैं फिर जयप्रकाश ऑटो रिक्शा से उत्तर जाता है। शाम होने पर अवंतिका जयप्रकाश का फ़ोन कई बार मिलाती है मगर कोई जवाब नहीं मिलता है। वो सुशील और मधु को बताती है की जयप्रकाश का पता नहीं चल रहा है। सुशील जयप्रकाश के ऑफिस में पता करता है तो पता चलता है की जयप्रकाश सुबह से ऑफिस पंहुचा ही नहीं। दो दिन बाद अवंतिका जयप्रकाश की गुमशुदगी की कम्प्लेन पुलिस में करती है। पुलिस जयप्रकाश के फ़ोन की लोकेशन पता करती है तो उसका फ़ोन उन्हें उसी के घर में मिलता है। पुलिस जयप्रकाश की दोस्त सुमन से भी पूछताछ शुरू करती है। घटना को 6 महीने बीत जाते हैं मगर जयप्रकाश का कोई पता नहीं चल पता।
6 महीने बाद घर के कुछ दूर गाँव के लोगों को एक पेड़ पर एक नरकंकाल लटका नज़र आता है। गांव वाले पुलिस को बुलाते हैं। पुलिस को कंकाल के पास एक आई कार्ड भी मिलता है जिसपर जयप्रकाश परमार का नाम लिखा है। जय प्रकाश के परिवार के पास पहुंचकर पुलिस उसकी मिसिंग कम्प्लेन तक पहुचती है। जब कंकाल का डीएनए जयप्रकाश के बच्चों से मैच कराया जाता है तो ये पता चलता है की ये कंकाल जयप्रकाश का ही है। अब पुलिस ये नहीं समझ पा रही हैं की जयप्रकाश का मर्डर एक परफेक्ट मर्डर था मगर उसके कंकाल को जमीन से खोद कर वापस क्यों निकाला गया!
Jaipur, 2014
Based on a missing and murder case of constable of customs department Kailash Meena (50). Kailash went missing on May, 9th, 2014 and his wife lodged his missing complaint. His skeletal remains was found in a sack on an isolated plot of land in Sewapur Village near here on November 2, 2014.
YouTube:
Part 1: https://www.youtube.com/watch?v=wGHD4o_uqtk
Part 2: https://www.youtube.com/watch?v=UH9wZ7toYq0
SonyTV:
Part 1: https://www.sonyliv.com: 31-Jan-2015---Buried-Deep
Part 2: https://www.sonyliv.com: 01-Feb-2015---Buried-Deep-Part-2
Here is the inside story of the case:
www.crimestories.co.in/2015/02/crime-patrol-wife-paramour-held-as.html
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