Tunnel
सुरंग
Girish Talwar is a property dealer whose business could not grow. At the age
of 36, he is still unmarried. His friend Randeep Dahiya is a history-sheeter.
Both are going through a tough time. Randeep tells Girish that he wants to do
some job in a bank and then he will rob that and will flee away. Girish
suggests him to really make a plan of bank robbery.
सुरंग
video |
Watch the video to know more about the case |
Now they arrange a few more people to involve in the robbery. One of them is an expert in underground pipeline work and the other one is an expert in underground cable work. There is an abandoned house jut few feet away from the bank which belongs to Girish's earlier business partner Bhupender Parashar. The property is under dispute with four Parashar brothers. Girish asks him to give his house's keys for few weeks but Parashar denies it. Girish decides to make a copy of the keys of the house. They target that house as the start point of the tunnel.
They make a target of 18 days for this robbery. First, they fit plywood to all the windows and doors of the room so the noise will not create and the 18th day will be the night of Dipawali when all the environment is already filled with sound and noise.
They start just before 18 days of the robbery and on the night of Diwali, they reach inside the locker room of the bank.
गिरीश तलवार एक प्रॉपर्टी डीलर है जिसका काम अच्छा नहीं चलता है और इसी कारण से वो अविवाहित भी है. रणदीप दहिया जो की एक हिस्ट्री शीटर है, उसका दोस्त है. दोनों पैसे की तंगी से जूझ रहे हैं. बातों बातों में रणदीप कहता है की सोच रहा है किसी बैंक में नौकरी कर लेगा और उसके बाद उसी बैंक को लूट के भाग जायेगा. इसी बात पर गिरीश कहता है की क्यों न दोनों लोग मिल कर बैंक लूट ले.
गिरीश बोलता है की राष्ट्रीय लोक जन बैंक एक सरकारी बैंक है जिसको लूटा जा सकता है और इसके लिए एक सुरंग बनानी पड़ेगी जो की उस बैंक के लाकर में जाकर खुले. रणदीप को सुझाव पसंद आता है क्युकी ये धूम फिल्म की डकैती जैसा है और इस तरह की चोरी करी जा सकती है. इसके बाद वो लोग बैंक में अपना अपना खाता भी खुलाते हैं जिससे उनको बैंक के अन्दर जाकर एक एक चीज का अंदाजा हो जाता है की काउंटर कहाँ पर है और बैंक के लाकर्स कहाँ पर हैं. गिरीश इस सरे काम में जीपीएस और कंपास की मदद भी लेता है.
दोनों मिल कर कुछ और लोगों की व्यवस्था करते हैं जिनमे से एक पाइपलाइन बिछाने में एक्सपर्ट है. बैंक के कुछ हट के करीब 200 फीट दूर एक मकान है जो की कानूनी पचड़े की वजह से सालों से बंद पड़ा है. वो लोग उस मकान से खुदाई की प्रक्रिया शुरू करने का निश्चय करते हैं.
दिवाली की रात, पटाखों के शोर में वो लोग उस मकान के अन्दर खुदाई की शुरुवात करते हैं. काम धीरे धीरे आगे बढ़ता है और इसका टारगेट 18 दिन का है. सुरंग की लम्बाई दिन पर दिन तेजी से बढती जाती है और आखिरकार 18 दिन बाद वो लोग सुरंग के दुसरे छोर पर पहुच कर ऊपर की तरफ प्रहार कर के बैंक के फर्श को तोड़ते हैं. अब देखना ये है की क्या ये लोग सच में बैंक के लाकर रूम में प्रवेश कर पाए थे! या किसी और जगह पर पहुच गए थे, और क्या ये अदभुद चोरी साकार हो पाई?
YouTube:
Part 1: www.youtube.com/watch?v=9hNhFJAU43Q
Part 2: www.youtube.com/watch?v=xwCZ1UtVAN0
SonyLiv:
Part 1: www.sonyliv.com/watch/crime-patrol-satark-28th-march-2015-surang
Part 2: www.sonyliv.com/watch/crime-patrol-satark-29th-march-2015-surang-part-2-1
Here is the inside story of the case:
www.crimestories.co.in/2015/03/crime-patrol-thieves-dig-100-foot.html
Search Tag: munor gadh, haryana, girish talwar, Gurveer Saini, Manveer Kushik, jasraj rathi, vijender rathi, Vikram Satpal, Harmeet Kumawat, Randeep Dahiya,underground gang
« Previous Post
title loading...
title loading...
Next Post »
...title loading
...title loading
0 Comments