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Crime Patrol | Daasi: Prabhudasi/Devadasi tradition of outskirt areas of South India (Episode 610, 611 on 23, 24 Jan 2016)


क्राइम पट्रोल का ये एपिसोड प्रकाश डालता है दक्षिण भारत के अति पिछड़े इलाकों में चली आ रही की एक सैकड़ों साल पुराणी प्रथा देवदासी पर जिसको की यहाँ प्रभू दासी के रूप में दिखाया गया है. देवदासी का मतलब होता है भगवान् की सेवा करने वाली.

देव - भगवान्
दासी- सेवा करने वाली


Dhanashri Kadgaonkar

इस प्रथा के अनुसार एक देवदासी की माँ अपनी बेटी को एक मंदिर में दान कर देती है और फिर उस पर मंदिर का पूरा अधिकार होता है. बेटी को मंदिर में दान देने की इस प्रथा को पोट्टूकट्टू बोलते हैं जो की बहुत हद् तक एक शादी की तरह होती है जिसमे लड़की की शादी की पुरुष या लड़के से करने के बजाये भगवन से की जाती है. इस पूजा के दौरान एक साथ बहुत सारी लड़कियों का सामूहिक विवाह भगवान् से किया जाता है. विवाह के बाद मंदिर के पुजारी इन लड़कियों को भीख मांगने का काम सौपते हैं जो की इस लड़कियों का मुख्य काम होता है और इससे मिले पैसों से ही वो लोग अपना घर भी चलाती है. लड़की की माँ लड़की के जवान होने की प्रतीक्षा करती है और लड़की के 14-15 साल के होने पर अगर कोई धनी व्यक्ति उसको पसंद कर लेता है तो वो उसको खरीद लेता है और लड़की पूरी तरह से उसकी हो जाती है. इस दौरान भी कोई पुरुष लड़की से विवाह नहीं कर सकता है क्युकी वो लड़की भगवान् की पत्नी है. लड़की की माँ की पूरी कोशिश यही रहती है की देवदासी को कोई व्यक्ति खरीद ले जिससे की माँ और बेटी दोनों का जीवन अच्छे से बीत जाए.

एक देवदासी का धर्म होता है पुरुष को सुखी रखना और इसके लिए वो कितने भी पुरुषों से सम्बन्ध बना सकती है. देवदासी का पुत्र होने पर वो अपना जीवन अपने हिसाब से बिता सकता है मगर पुत्री होने पर उसको भी देवदासी ही बनना पड़ता है और देवदासी को इस बात से कोई मतलब नहीं होता है की उसकी संतान का पिता कौन है.

भले ही ये प्रथा सैकड़ों साल पुरानी है मगर इस प्रथा के माध्यम से लड़कियों को वेश्यावृत्ति में डाला जाना ही इस प्रथा के पहरेदारों का प्रथम लक्ष्य था. उस समय में देवदासी बनने के बाद लड़की को नृत्य और संगीत की शिक्षा दी जाती थी मगर जैसे जैसे समय आगे बढ़ा इस प्रथा ने मूल वेश्यावृत्ति के रूप ले लिया. इसको समाप्त करने के लिए सरकार ने लगातार कई प्रयास किये हैं जिससे की इस अन्धविश्वास को जड़ से मिटाया जा सके मगर रिसर्च कहती है की ये प्रथा अभी भी मध्यप्रदेश के अति पिछड़े क्षेत्रों में धड़ल्ले से चल रही है.


SonyLiv: 
Part 1: www.sonyliv.com...23-jan-2016---crime-patrol---dasi-1
Part 2: www.sonyliv.com...24-jan-2016---crime-patrol-satark---dasi-2

YouTube: 
Part 1: www.youtube.com/watch?v=wZ1SBm9JmgE
Part 2: www.youtube.com/watch?v=mz37bCApxHE
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