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Kahan hai Priya: One year long wait of 4 year old missing minor Priya (Episode 580, 581 on 31st Oct, 1st Nov 2015)


प्रिया गरीब माँ-बाप की ४ साल की बेटी है। एक शाम वो खेलते खेलते गायब हो जाती है। प्रिया की मिसिंग कम्प्लेन लिखे जाती है और पता चलता है की प्रिया को आखिरी बार मोहल्ले के ही दो लड़कों के साथ देखा गया था। पुलिस उन्दोनो को पकड़ती है तो वो लोग बताते हैं की प्रिया उनके पीछे-पीछे उनके घर तक आगई थी। वो दोनों नशे में धुत थे तो उन्होंने उसको अपने पास ही सुला लिया। सुबह जब नींद खुली तो प्रिया को देख कर वो डर गए और प्रिया को लेकर उसको उसके घर पहुचाने निकल पड़े। वो प्रिया को लिए ही थे की उन्होंने देखा की मोहल्ले वाले और प्रिया का पिता सबलोग बात कर रहे हैं की प्रिया को अगवाह करने वाले को वो छोड़ेगे नहीं। वो लोग डर गए और किसी को कुछ पता न चले इसलिए उसे रेलवे स्टेशन पर ऐसे ही छोड़ आये।

पुलिस रेलवे स्टेशन की फुटेज तलाशना  शुरू करती है तो उसमे दिखता है की प्रिया एक काले कपडे पहने आदमी के साथ है। पुलिस बहुत पता लगाने की कोशिश करती है मगर उस आदमी का कुछ पता नहीं चलता है। एक साल बीतने के बाद प्रिया के माँ-बाप कोर्ट केस फाइल करते हैं और केस मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंपा जाता है।

False Pride: Minor Smriti married to 37 year elder and then killed by father for pride (Episode 344 on 1st March 2014)


झूठी शान
False Pride
हरियाणा देश के उन राज्यों में से है जहाँ के कुछ गाँव में आज भी लड़कियों को दबा-कुचल के रखा जाता है. यहाँ आज भी एक लड़की की शादी किससे हो रही है और कब हो रही है, इसमें लड़की की मंज़ूरी लेना उचित नहीं समझा जाता. परिवारों को आपस में तय करना होता है और उसके बाद पंचायत की राय ले ली जाती है. अगर पंचायत प्रस्ताव पर रजामंद होती है तो शादी को अंजाम दिया जाता है.
ये कहाँ है इन्हीं कुप्रथाओं में से गुजरी एक लड़की स्मृति (एहसास चन्ना) की. 17 साल की स्मृति अपने माँ-बाप की इकलौती बेटी है. स्मृति के चाचा शादी लायक है सो उसके चाचा की शादी देसिका नाम की एक लड़की से तय होती है जो की 55 साल के हुकुम नाम के एक किसान की बहन है. देविका की मुह दिखाई के दौरान हुकुम-देविका के पिता की नज़र स्मृति पर पड़ती है. वो स्मृति के पिता के सामने ये प्रस्ताव रखते हैं की उनके घर के लड़की देविका इस घर में आ जाये और इस घर की स्मृति उनके घर में आ जाए. मतलब की स्मृति की शादी उससे ३७ साल बड़े हुकुम से करवा दी जाए जिससे की उनके परिवार को एक वारिस मिल सके.

लड़कियों के इस लेनदेन की प्रथा को इन गाँव में अटा-सटा की प्रथा कहते हैं. स्मृति को शादी के दिन तक ये नहीं बताया जाता है की उसकी शादी किससे हो रही है. और शादी वाले दिन जब वो पहली बार अपने होने वाले पति को देखती है तो भोचक्की रह जाती है.

इसके आगे जो भी कुछ होता है वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.