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Crime Patrol | The Fire: The Rise and Fall of Madras' (Chennai) Dosa King, founder of "Saravana Bhavan" P. Rajagopal (Ep 121 on 21 Dec 2019)

अग्नि
The Fire

(Black Headlines, Ep. 121)
Also Featured by Crime Alert on Dangal TV (17 Jan, 2020)

डोसा किंग राजगोपाल मूल रूप से तमिलनाडु के तुतीकोरिन का रहने वाला था। इसके माँ-बाप प्याज की खेती करते थे और ये उनकी इकलौती संतान था। प्याज़ की खेती ही इस परिवार की इकलौती आय थी और ये बात है कुछ 1973 की। राजगोपाल का खेती मे मन नहीं लगता था इसलिए वो अपना गाँव छोड़ कर मद्रास यानि की चेन्नई आ गया। चेन्नई के केकेनगर मे उसने एक छोटी सी किराने की दुकान खोल ली जो की उसने कुछ 8 साल तक चलाई। इसी बीच उसकी मुलाकात एक ज्योतिषी से हुई। उस ज्योतिषी ने उसको सलाह दी की वो किराने की दुकान छोड़ कर एक रेस्टोरेंट खोले तो उसको ज्यादा मुनाफ़ा होगा।


inside story
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ज्योतिषी के कहेनुसार राजगोपाल ने एक रेस्टोरेंट खोला जिसका नाम उसने दिया सर्वना भवन। इस रेस्टोरेंट मे इसने डोसा, इडली, वड़ा और पूरी बनाना और बेचना शुरू किया। 70 का दशक एक ऐसा समय था जब हमारे देश के लोग बाहर रेस्टोरेंट मे खाना खाने का सोचते भी नहीं थे लेकिन फिर भी राजगोपाल ने ये रिस्क लिया। उसने पूरी, इडली, डोसा और वड़ा बनाने के लिए कोकनट ऑयल का इस्तेमाल किया और मसाले भी वो अच्छे क्वालिटी के ही इस्तेमाल करता था। शुरुवात करते समय उसने इस एक थाली की कीमत रखी सिर्फ 1 रुपया जिसके चलते उसको पहले महीने मे ही 10 हजार की पहाड़ जैसी रकम का लॉस हुआ। मगर राजगोपाल इस घाटे से हतोत्साहित नहीं हुआ और न ही उसके क्वालिटी से कोई समझौता किया।

पी. राजगोपाल की मेहनत आखिरकार रंग लाई और धीरे धीरे ऐसा होने लगा की चेन्नई शहर मे कोई भी बाहर खाने का कोई प्रोग्राम बनाता तो उसके जहां मे सबसे पहले सर्वना रेस्टोरेंट का ही नाम आता। मुनाफ़े को देखते हुआ उसके स्टाफ को भी अच्छी सैलरी मिलने लगी थी। वो नीचले दर्जे के कर्मचारियों तक को मेडिकल इन्श्योरेन्स की सुविधा देता था और इसी सब के चलते उसका स्टाफ उसको बहुत सम्मान देता था और उसको अन्नाची कह कर बुलाता था। उसके कर्मचारी उसको भगवान की तरह पूजने लगे थे। उसका कारोबार अब चरम पर था और इसी वजह से उसका अपने ज्योतिषी की तरफ आस्था बहुत बढ़ गई थी। उसके अपने रेस्टोरेंट की चेन खोलनी भी शुरू कर दी और समय वो आया की लोग उसको उसके नाम से न जान कर डोसा किंग के नाम से जानने लगे थे। ज्योतिषी के ही कहने पर राजगोपाल ने खाली सफेद कपड़े पहनने शुरू कर दिए थे और माथे पर एक बड़ा स चंदन का टीका लगाने लगा था।

वो इस ज्योतिषी को भगवान का दर्जा देता था और उसकी फोटो अपने रेस्टोरेंट मे लगा रखी थी। ज्योतिषी जो भी कहता था वही राजगोपाल करता था। 20 साल के अंदर राजगोपाल का सर्वना भवन सिर्फ देश मे ही नहीं विदेशों मे भी मैशहूर हो गया था। भारत के अलावा सिंगापुर, मलेशिया, थाइलैंड, हाँगकाँग, सऊदी अरब, ओमान, कतर , बहरीन, कुवैत, साउथ अफ्रीका, जर्मनी, नीदरलैंड, बेल्जियम, स्वीडन, कनाडा, आयरलैंड, ब्रीटेन, अमेरिका, न्यूज़ीलैंड, इटली और रोम मे भी सवर्णा भवन के आउटलेट्स खुल गए थे।