टुकड़े-टुकड़े
Shredded
एक आदमी को मुंबई की एक झील के तट पर कोई खून से सना पैकेट दिखाई देता है तो वो
तुरंत पुलिस को सूचित करता है. पुलिस पहुच कर उस पैकेट को खोलती है तो पता चलता है
की वो किसी मनुष्य की जांघे हैं. पुलिस स्तब्ध है की ये दुर्दांत काण्ड किसी ने
क्यों किआ है. पुलिस आस पास के इलाके में इस शव के बाकी पार्ट ढूंढती है मगर उन्हें
कुछ नहीं मिलता. वो लोग झील के आसपास के इलाके में भी पुलिस को सूचित करते है की इस
तरह का और कोई संदिग्ध पैकेट या लाश का टुकड़ा मिले तो संपर्क किया जाए मगर कोई
सुराग नहीं मिलता है.
इसके बाद पुलिस उनलोगों को एक लिस्ट तैयार करती है जो इसी एरिया में रहते हैं और
गुमशुदा है. तफ्तीश करते करते पुलिस को पता चलता है की एक शादी शुदा महिला मीनाक्षी
लोखंडे कैफ़ी दिन से गायब है और उसके पति ने उसके गुमशुदा होने की कोई सूचना पुलिस
में नहीं दी है. उसके पति से मिलने पर पता चलता है की मीनाक्षी एक चरित्रहीन औरत थी
जो किसी के साथ भाग गई होगी तभी उसने पुलिस में कुछ भी सूचित करने का नहीं सोचा.
पुलिस की तफ्तीश में आखिरकार मीनाक्षी का हत्यारा हाथ आता है मगर ये भी पता चलता है
की पुलिस को जो लाश का टुकड़ा मिला है वो मीनाक्षी का नहीं है. पुलिस इन जांघों की
गुत्थी सुलझाते सुलझाते किसी और केस को सुलझा देती है और अब वो केस फिर से एक
ब्लाइंड केस बन जाता है और पुलिस फिर से खाली हाथ है.